पुरबिया टोला की ऐतिहासिक होली शांतिपूर्वक जली
होली जलाने के समय कभी किसी से लड़ाई नहीं हुई -डॉ हरि शंकर पटेल

पुरविया टोला की जलती हुई ऐतिहासिक होली का मनमोहक दश्य को देखने के लिए उमड़ते है शहर के भी लोग*
होली जलाने के समय कभी लड़ाई तो छोड़ों कहा – सुनी भी नही हुयी – डॉ हरिशंकर पटेल
संवाददाता सुशीलकांत
इटावा -पुरविया टोला,की ऐतिहासिक होली शयद ही और कहीं इतनी बड़ी होली और इतनी भीड एकत्र नही होती हो ।
होली जलने के समय सैकड़ो महिलाएं मौके पर खाश तोर पर नयी बहु तथा छोटे – छोटे बच्चों को होली को तापने तथा सैकड़ों पुरुष गन्ने में चना , जौ तथा गुलरिया बान्ध कर होली में भक्त प्रहलाद होने की मान्यता होने के कारण होली के सात चक्कर लगाने के बाद होली को जलाते है साथ में गन्ने को भूनते है भूने हुए गन्ने को खाने और अभिभावक बच्चों को भक्त प्रह्लालाद की कहानी सुनाने की परम्परा को सैकड़ों बर्षा से निभाते चले आ रहे है उक्त जानकारी प्रमुख समाज सेवी “डा० हरीशंकर पटेल” राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य – अपना दल (एस) ने दी तथा यह भी बताया
कि सैकड़ों बर्षो से आज तक का इतिहास है होली जलाने के समय कभी लड़ाई तो छोड़ों कहा – सुनी भी नही हुयी , पुरविया टोला के रहने वाले आपस खाड़ी बोली बोलते है , पुरविया टोला के लोग आपस में बात करते है तो बहारी लोगों को यह भाषा अच्छी लगती है।
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