इटावा की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर प्रदर्शनी का हुआ शुभारम्भ
डीएम एसएसपी ने किया इटावा प्रदर्शनी का शुभारम्भ
संवाददाता अभिनन्दन जैन
जिलाधिकारी अवनीश राय ने आज इटावा की संस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर प्रदर्शनी का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई। जिलाधिकारी ने प्रदर्शनी की लाइट का बटन दबाकर इसका औपचारिक उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने प्रदर्शनी पंडाल पहुंचकर पंडाल का भी उद्घाटन किया।
इस आयोजन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार गौतम, अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव सहित शहर के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी अवनीश राय ने कहा कि, “यह प्रदर्शनी इटावा की गौरवशाली विरासत को प्रदर्शित करने का एक सुनहरा अवसर है। मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि वे इस प्रदर्शनी को अवश्य देखें और अपने शहर की समृद्ध संस्कृति के बारे में जानें।” यह प्रदर्शनी इटावा के लिए एक गौरव का क्षण है और यह शहर की संस्कृति और इतिहास को संरक्षित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इटावा प्रदर्शनी की शुरुआत 1888 में पक्का तालाब के किनारे हुई थी। तब इसे केवल व्यापार और सामाजिक मेलजोल का माध्यम माना गया था। लेकिन 1910 में दोबारा शुरू होने के बाद यह इटावा जिले की सांस्कृतिक धरोहर बन गई। यहां हर वर्ष लोगों की भीड़ उमड़ती है, जो न केवल इटावा बल्कि आस-पास के जिलों और राज्यों से भी आती है। इटावा प्रदर्शनी में स्थित फुव्वारा न केवल इसकी खूबसूरती को बढ़ाता है, बल्कि यह प्रदर्शनी का प्रतीक बन चुका है।
यहां बैठने वाले लोग मूंगफली खाते हुए हंसी-मजाक करते हैं, जो प्रदर्शनी के अनुभव को और भी यादगार बना देता है। फुव्वारा बच्चों के लिए खास है, क्योंकि यह उनकी खोई हुई हंसी और खुशी वापस लाने का स्थान है। यह वह जगह है जहां परिवार के लोग बिछड़ने पर फिर से मिलते हैं, और रेडियो की घोषणाएं हर किसी को सहायता प्रदान करती हैं।
इटावा प्रदर्शनी केवल मनोरंजन और खरीदारी का स्थान नहीं है, बल्कि यहां का खास खानपान भी इसे यादगार बनाता है। प्रदर्शनी में मिलने वाले खजला और सोफ्टी का स्वाद हर साल दर्शकों को अपनी ओर खींचता है। तो इस बार इटावा प्रदर्शनी में घूमने आएं, खरीदारी करें, मनोरंजन का आनंद उठाएं और खजला और सोफ्टी के खास स्वाद के साथ अपने अनुभव को और भी खास बनाएं।
इस बड़े आयोजन को सफल बनाने में प्रदर्शनी समिति का योगदान अमूल्य है। जिला अधिकारी अवनीश कुमार राय इसके अध्यक्ष हैं, और उनके नेतृत्व में सचिव, अविनव रंजन श्रीवास्तव अपर जिलाधिकारी, इटावा और जनरल सेक्रेटरी विक्रम सिंह राघव, उपजिलाधिकारी सदर अपनी भूमिकाएं निभा रहे हैं।
इटावा प्रदर्शनी में मनोरंजन का हर साधन उपलब्ध है। यहां आप मौत का कुआं देख सकते हैं, जहां मोटरसाइकिल और कार के रोमांचक करतब आपकी सांसें रोक देंगे। सर्कस में कलाकारों का प्रदर्शन और उनके करतब बच्चों और बड़ों दोनों को आश्चर्यचकित कर देते हैं। इसके अलावा, यहां झूले, जादू, और विभिन्न खेलकूद कार्यक्रम प्रदर्शनी की रौनक बढ़ाते हैं। इन सभी आकर्षणों के चलते यह केवल एक व्यापारिक आयोजन नहीं, बल्कि एक पूर्ण मनोरंजन स्थल बन जाती है। प्रदर्शनी के दौरान लगने वाली दुकानें हर प्रकार की वस्तुओं के लिए मशहूर हैं।
यहां आपको परंपरागत कपड़े, घरेलू उपयोग की वस्तुएं, और सजावटी सामान मिलता है। यहां तक कि दूर-दूर से व्यापारी अपने उत्पादों को बेचने के लिए आते हैं। पहले यहां एक बड़ा पशु मेला भी लगता था, जहां किसान अपने पशुओं की खरीद-फरोख्त किया करते थे। हालांकि अब यह परंपरा बंद हो गई है, लेकिन इसकी यादें अभी भी लोगों के दिलों में ताजा हैं।
इटावा प्रदर्शनी केवल मनोरंजन और व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र भी है। यहां संगीत के कार्यक्रम, कवि सम्मेलन, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होती हैं, जो लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ती हैं। रेडियो प्रसारण के जरिए पूरे दिन महत्वपूर्ण जानकारी एवं फिल्मी गाने बजाए जाते हैं। यह न केवल माहौल को मधुर बनाता है, बल्कि यह सभी वर्गों के लोगों को आकर्षित करता है।
इटावा प्रदर्शनी न केवल व्यापार और मनोरंजन का मंच है, बल्कि यह लोगों के मिलन का पर्व भी है। यहां सालों बाद पुराने मित्र और परिवार के सदस्य मिलते हैं। यह आयोजन केवल दर्शकों को जोड़ता नहीं, बल्कि उनकी यादों को संजोने का अवसर भी प्रदान करता है। तो आइए इटावा प्रदर्शनी का हिस्सा बनें और इस सांस्कृतिक धरोहर का आनंद उठाएं। अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं और यादगार पलों को संजोएं।