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स्कूल मे बच्चो के कमरे मे नागिन देख मचा ह्ड़कंप

नगला हीरालाल आश्रम पद्धति स्कूल मे नागिन की दहशत

स्कूल में बच्चों के कमरे में नागिन देख मचा हड़कंप

(सर्पमित्र डॉ आशीष ने किया कोबरा का सुरक्षित रेस्क्यू)

इटावा। जिला समाज कल्याण विभाग,इटावा द्वारा संचालित थाना बसरेहर क्षेत्र के अंतर्गत स्थित प0 दिन दयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय,नगला हीरा लाल इटावा के आवासीय परिसर में रह रहे बच्चों के कमरे में एक खतरनाक फीमेल स्पेक्टिकल कोबरा (नागिन) को देखकर वहां के बच्चे बेहद ही घबरा गए ।

खतरनाक कोबरा सांप के कमरे में बैठे होने की सूचना स्कूल के कक्षा 8 के छात्र आशीष ने अपने स्कूल स्टाफ को दी।

स्कूल स्टाफ में कार्यरत फार्मासिस्ट अभिषेक कुमार एवम पीटीआई नितिन राजपूत ने कमरे में कोबरा के बैठे होने की सूचना वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को दी।

सूचना मिलते ही डॉ आशीष त्रिपाठी ने तत्काल मौके पर जाकर उस स्पेक्टिकल कोबरा को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू कर वन विभाग के दिशा निर्देशन में उसके प्राकृतिक वास में ले जाकर छोड़ दिया।

डॉ आशीष ने बताया कि यह नाजा नाज़ा प्रजाति का फीमेल स्पेक्टिकल कोबरा सांप था जिसमे बेहद खतरनाक न्यूरोटॉक्सिक वेनम मौजूद होता है। यदि ये किसी बच्चे को काट लेती तो काफी समस्या भी हो सकती थी क्यों कि स्कूल ग्रामीण इलाके में स्थापित है और समय से एंटीवेनम न मिलने पर कोबरा या करैत के दंश में पीड़ित की जान जाने का भी खतरा बना रहता है।

हालांकि, कोबरा सांप के सुरक्षित रेस्क्यू के बाद स्कूल स्टाफ ने राहत की सांस ली है और स्कूल के सभी बच्चे भी सुरक्षित हैं।

वर्तमान में इस राजकीय आवासीय विद्यालय में 300 बच्चे अध्धयनरत है। आज दशहरा की छुट्टी के बाद घर से वापस आए लगभग 150 बच्चे मौजूद थे। सभी मौजूद बच्चे कक्षा 6 से 12 के थे।
इस आवासीय विद्यालय का संचालन जिला समाज कल्याण विभाग इटावा के द्वारा किया जा रहा है।
विद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया ऑनलाइन है। इस विद्यालय में प्रवेश के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक प्रवेश समिति बनाई जाती है तब उनके अनुमोदन से प्रवेश परीक्षा के बाद अंतिम परिणाम जारी कर स्कूल की कक्षाओं में नए सत्र में प्रवेश की संस्तुति की जाती है।

कोबरा सांप को सुरक्षित रेस्क्यू कर स्कूल के बच्चों को सुरक्षित करने के लिए स्कूल स्टाफ सहित विद्यालय के प्रधानाचार्य दिनेश सिंह ने सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी का विशेष आभार प्रकट किया है।

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