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आओ मिलकर जागरूकता की अलख जगाये

स्तन कैंसर से सभी को बचाये

स्तन कैंसर के खतरे से सभी को बचाएं

संवाददाता विष्णु राठौर

=आओ मिलकर जागरूकता की अलख जगाएं,

सैफई,इटावा। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैंफई के रेडिएशन ऑंकोलॉजी विभाग, एंडोक्राइन सर्जरी विभाग व कम्युनिटी मेडिसिन विभाग ने संयुक्त रूप से प्रो.डॉ. नरेश पाल सिंह के निर्देशन में चौ.चरण सिंह पीजी महाविद्यालय हैंवरा में स्तन कैंसर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डॉ.शैलेंद्र कुमार शर्मा ने सभी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज इस कार्यक्रम से मिली महत्वपूर्ण जानकारी आप सभी सामुदायिक रूप से लोगों के साथ साझा करें जिस स्तन कैंसर जैसी बीमारी से लोग बच सकें।
कम्युनिटी मेडिसिन प्रो. डॉ.नरेश पाल ने कहा कि हम सबको मिलकर सामाजिक रूप से स्तन कैंसर के प्रति सामुदायिक जागरूकता के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए जिसमें आप सभी छात्र-छात्राएं जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है।
कम्युनिटी मेडिसिन असिस्टेंट प्रो.डॉ.सुगंधी शर्मा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि ब्रेस्ट कैंसर माह को पिंक अक्टूबर के रूप में मनाते हैं ब्रेस्ट कैंसर क्या है और क्यों होता है इस संदर्भ में उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि यदि जितनी जल्दी स्तन कैंसर का पता चलेगा उतना ही सफल इलाज संभव हो सकेगा अगर कैंसर अंतिम चरण में पता चलता है तो उपचार प्रबंधन जटिल होता है।
एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के डॉ.गणेश व डॉ.सूरज ने स्तन कैंसर की जांच के लिए स्व-परीक्षण के विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार पूर्वक छात्र-छात्राओं को बताया और उन्होंने कहा कि स्तन में दर्द लालमी या निप्पल से किसी तरह का डिस्चार्ज होने पर या गांठ का अनुभव होने पर अवश्य ओपीडी में आकर दिखाएं। रेडिएशन ऑंकोलॉजी विभाग से डॉ. प्रभा ने बताया कि यदि स्तन कैंसर जैसी समस्या होने पर उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विज्ञान विश्वविद्यालय के कैंसर विभाग में सभी प्रकार की जांच जैसे अल्ट्रासोनोग्राफी, मैमोग्राफी बायोस्पी की जाती है और हर तरह का इलाज उपलब्ध है। इसीलिए घबराएं नहीं अगर किसी तरह का लक्षण दिखे तो जरूर जांच कराएं।

*छात्राओं ने की मन की बात*

हैंवरा कॉलेज की एम.कॉम थर्ड सेमेस्टर की छात्रा कु० आकांक्षा ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में सबसे महत्वपूर्ण जानकारी मिली कि स्तन कैंसर के खतरे को हम कैसे कम सकते हैं हमें डॉक्टर्स ने बताया कि अपने वजन को बढ़ाने ना दे, शराब या तंबाकू जैसे पदार्थों का प्रयोग ना करें, नियमित व्यायाम करें, महिलाएं हार्मोनल वर्थ कंट्रोल गोलीयों का सेवन कम करें,रजोनिवृत्ति के लक्षणों को ठीक करने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से बचें और स्तनपान अवश्य करवाएं।
बीए प्रथम वर्ष की छात्रा कु०दिव्या ने बताया कि खुद स्तन स्व परीक्षण के संदर्भ में हमें बताया गया कि आइने के सामने खड़े होकर अलग-अलग मुद्राओं में किस तरह से हम अपने स्तन की जांच कर सकते हैं जो बहुत जरूरी जानकारी थी जो इस कार्यक्रम के माध्यम से हमें दी गई।
बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा कु०रिया ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हमें पता चला स्तन कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी, टारगेट थेरेपी,रेडिएशन, कीमोथेरेपी,हार्मोन थेरेपी, द्वारा उपचार किया जाता है इसीलिए घबराने की जरूरत नहीं है यदि लक्षण दिखें तो ओपीडी में जाकर बेझिझक दिखाएं घबराएं नहीं।
कार्यक्रम का सफल संचालन ऑंकोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रो.डॉ. सिद्धार्थ ने किया कार्यक्रम में हैंवरा कॉलेज की विज्ञान संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ.नीति यादव शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.संजू यादव व अन्य संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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